Kyon?



आज हवा मेँ इतनी खूशबूएँ है क्योँ?
 बिन बादल आज ये बारिशे है क्योँ? 
 सूना पडा था आज तक किसी कोने मेँ ये दिल,
 इस दिलमे आज इतनी ख्वाहिशे है क्योँ?
 रिहा हूँ यूँ तो परिँदो की तरह,
 फिरभी इन निगाहों की बँदिशे है क्योँ?
 कल तक था बेगुनाह ये बच्चे सा दिल,
 आज ये मासूमसी साज़िशेँ है क्योँ?
 आज हवामें इतनी खुशबूए है क्योँ?
 कोई अनकही सी मनमें चाहते है क्योँ?
 गम होता है मिलके जुदा होने मेँ हर बार,
 इस गमको पाने में भी मिलती राहतेँ है क्योँ?
 आदत नहीं थी अब तक जिन्हे इंतज़ार करने की,
 आज इन कानों में पड़ती ये आहटेँ है क्योँ?
 यूँ तो थमता नहीं वख्त किसी के कहनेपे,
 फ़िर ये छोटी छोटी ईबादतेँ है क्योँ?
 आज हवा मेँ इतनी खूशबूएँ है क्योँ?
 बिन बादल आज ये बारिशे है क्योँ?

Comments

Popular posts from this blog

Book Review: 100 Selected Stories by O. Henry

આકાશ ને થીંગડું મારી શકાય?